बलौदाबाजार (छत्तीसगढ़), 4 नवंबर (PTI) छत्तीसगढ़ के बरनवापारा वन्यजीव अभयारण्य में तीन हाथी एक कुएं में गिर गए, जिसके बाद वन विभाग ने करीब तीन घंटे की रेस्क्यू कार्रवाई कर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि ये तीनों हाथी — एक वयस्क मादा, उसका बच्चा और एक किशोर नर — बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के हरदी गांव में एक किसान के खेत स्थित कुएं में गलती से गिर गए। कुएं के चारों ओर सुरक्षा दीवार नहीं थी।
लोकल लोगों ने सुबह कुएं में हाथियों को संघर्ष करते देखा और तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों और रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंचकर अभियान शुरू किया।
भूमि खुदाई करने वाली मशीनों की मदद से कुएं के एक हिस्से को काटकर ढलानदार रास्ता बनाया गया, ताकि हाथी सुरक्षित बाहर निकल सकें।
बलौदाबाजार डीएफओ धम्महिल गणवीर ने बताया कि दो घंटे से अधिक चली इस कार्रवाई में तीनों हाथियों को बिना किसी चोट के बाहर निकाल कर पास के जंगल में छोड़ दिया गया, जहां वे अपने झुंड से मिल गए।
गणवीर ने कहा, “वन विभाग की जिम्मेदारी सिर्फ वन्यजीवों की सुरक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि हर जीवन की रक्षा प्राथमिकता है। यह रेस्क्यू ऑपरेशन टीम की तत्परता और दक्षता का उत्कृष्ट उदाहरण है।”
विभाग खुले कुओं को ढकने के लिए CAMPA फंड का उपयोग कर विभिन्न डिवीज़नों में ग्रिल लगाने का कार्य कर रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, पांडेय ने कहा।
हालांकि रायपुर स्थित वन्यजीव कार्यकर्ता नितिन सिंघवी ने इसे वन विभाग की “गंभीर लापरवाही” बताते हुए कहा कि 2018 से वे जंगल और उसके आसपास के खुले व छोड़े हुए कुओं को सुरक्षित करने की मांग कर रहे हैं।
उनके अनुसार, राज्य में वन क्षेत्रों के भीतर और आसपास 25,000 से अधिक खुले और सूखे कुएं मौजूद हैं।
उन्होंने दावा किया कि 2024 में CAMPA फंड से केवल 450 कुएं वह भी सिर्फ कांकेर जिले में सुरक्षित किए गए, जो अपर्याप्त है।
केंद्र सरकार ने 2022 में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ऐसे कुओं को ढकने व सुरक्षित करने का निर्देश दिया था, उन्होंने कहा।
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